sumit malhotra

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Lekhny Story -19-Aug-2023

शीर्षक:- एक रेशमी धागे ने ही।

दोस्तों चंचल मन को बांधा तो एक रेशमी धागे ने ही, हँसते हँसाते बंधना ख़ुद तोड़कर सारे बंधन ये हमने।

क्या देखें कभी हमने पंछियों के पास कोई भी नक्शे, जो होते इतने माहिर कि ढूंढ लेते रास्ते बिना ये नक्शे।

प्राणवायु ना दिखती फिर भी जीवन उसी से ही चलता, भाई हो कितने दूर-दूर फिर भी राज़ बहनों का चलता।

चाहे ये नन्हे हो या मझले हो या हो फ़िर वो बड़े भैया, बड़े चाव से बहनों से राखी तुम सभी ने भी बंधवाना।

टूटे ना ये रिश्तो का धागा मज़बूती से रखकर निभाना, प्यारे-दुलारे भाइयों राखी के बंधन को हमेशा निभाना।

जिनकी कोई सगी बहन नहीं उनसे भी पूछकर बताना, रक्षाबंधन,भाईदूज पर कैसे महसूस हो पूछकर बताना।

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